Hello students , आप सभी का ALL COMPETITION EXAM में स्वागत है . आज हम pashu parichar एग्जाम के लिए एक महत्वपूर्ण टॉपिक पर चर्चा करेंगे जो कि है पशुपालन से समन्धित महत्वपूर्ण शब्दावली . इस टॉपिक्स से परीक्षा में प्रश्न आने की अधिकाधिक सम्भावना है . आशा है कि हमारा यह विषय आपके पशु परिचर एग्जाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा .
1.चयन (Selection)– पशुओं के झुण्ड में से अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अच्छे व इच्छित गुणों वाले पशु को चुनकर अलग करना, चयन कहलाता है।
2.बेलोविंग (Bellowing) – गाय व भैसों की आवाज को बेलोविंग कहते है।
3.कंलिग (Culling)– बीमार पशु को स्वस्थ पशुओं के झुण्ड में से चुनकर अलग करना कंलिग कहलाता है।
डोकिंग (Docking)-भेड़ों की पूँछ को काटने/हटाने की क्रिया डोकिंग कहलाती है। डोकिंग के लिए उपयुक्त आयु – 1-2 सप्ताह मानी जाती है। 2
- हिफर (Heifer) – गाय की जवान मादा को हिफर कहते है।
- फ्लेसिंग (Flushing) – गर्भित भेड़ को ब्याने से 3-4 सप्ताह पूर्व दिया जाने वाला अतिरिक्त आहार फ्लेसिंग कहलाता है।
- स्प्रिंज- ऐसी गाय जो कुछ दिनो बाद ब्याने वाली हो स्प्रिंज कहलाती है।
- पोलीपैड -वह पशु जिनके खुर विभाजित होते है पोलीपैड कहलाते है, जैसे-भेड़, बकरी, गाय व भैंस आदि।
- ड़ाउन कवर-गर्भावस्था में बछड़ा देने के 15 दिन पूर्व के अनुमानित समय को ड़ाउन कवर कहते है।
- स्पेयिंग (Spaying)– मादा पशु में गर्भाशय को हटा देने के क्रिया को स्पेयिंग कहते है।
- प्रिमी परेस-वह मादां पशु जिसने प्रथम बार गर्भित होकर प्रथमः बार बच्चा दिया हो उसे प्रिमी परेस कहते है।
- कास्टिंग-पशुओं को जमीन पर (दाँयी तरफ) गिरना कास्टिंग कहलाता है।
- बारन/बायर-गाय और भैंस को रखने का स्थान।
- ड़िहोर्निंग/ड़िसबडिंग (Dehorning)– पशुओं में सींगों को हटाने की क्रिया ड़िहोर्निंग कहलाती है। इसकी उपयुक्त आयु 7-15 दिन होती है।
- केटल (Cattle)-गाय के परिवार से सम्बन्धित सदस्यों को केटल कहा जाता है, जैसे- काफ, साँड़, हिफर, बैल।
- केपोनाइजेशन (बधियाकरण) – मुर्गों की प्रजनन क्षमता को समाप्त करने की क्रिया को केपोनाइजेशन कहते है।इस क्रिया का मुख्य उद्देश्य अधिक माँस प्राप्त करना हैयह क्रिया 10 माह के आयु वाले मुर्गों में की जाती है।इस क्रिया में डाई ईथाइल स्टिलवेस्ट्रॉल हार्मोन उपयोग में किया जाता है।
- डिबीकिंग (Debeaking)- मुर्गियों की चोंच को काटने/हटाने की क्रिया को ड़िबीकिंग कहते है। यह क्रिया डिबीकर यंत्र द्वारा की जाती है।उपयुक्त आयु 1 माह
ऊपरी चोंच- 1/4 भाग (ज्यादा)
निचली चोंच 1/8 भाग (कम)
- डिवर्मिंग (Deworming)- मुर्गियों को उनके पेट व आंतो में पाये जाने वाले कृमियों से मुक्त करना, डिवर्मिंग कहलाता है।मुर्गियों में प्रथम ड़िवर्मिंग 4.5 माह की आयु में की जाती है।
मुर्गियों में द्वितीय ड़िवर्मिंग 6 माह की आयु में की जाती है।
- केनाबोलिज्म-मुर्गियों द्वारा एक दूसरे पक्षी को चोंच मारकर घायल करना केनाबोलिज्म कहलाता है। इस क्रिया को स्वजाती भक्षण भी कहा जाता है। यह Nacl (नमक) की कमी के कारण होता है।
- लेयर्स-अण्डा उत्पादन के लिए पाली जाने वाली मुर्गियाँ लेयर्स कहलाती है। ये 5-6 माह बाद अण्डा उत्पादन प्रारम्भ कर देती है।IMPORTANT –वह मुर्गियाँ जो अण्डे देना बंद कर देती है उन्हें बूड़ी हैन कहा जाता है। 72 वें सप्ताह बाद मुर्गियाँ अण्डे देना बंद कर देती है, जिसे ‘बूड़ी हैन’ कहते है। यें अण्डे के सेयने का कार्य करती है।
- ब्रॉयलर-मांस उत्पादन के लिए पाली जाने वाली मुर्गियों को ब्रॉयलर कहते है।आयु-2 माह (6-8 सप्ताह)
6 सप्ताह के चूजे का शरीर भार- 1.5kg होता है।
- रोस्टर्स-9-12 सप्ताह के चूजे को रोस्टर्स कहते है।
- रियरिंग-मुर्गियों को 4 से 8 सप्ताह की आयु तक पालना रियरिंग कहलाता है।
- ग्रिट-मुर्गियों की पाचन शक्ति अच्छी बनाये रखने के लिए इनको खिलाएँ जाने वाले संगमरमर के छोटे-छोटे टुकड़े को ग्रिट कहते है।
- ग्रोअर मैनेजमेंट-चुजों की 8 सप्ताह की आयु से उत्पादन आयु (20 से 22 सप्ताह) तक के पाल सपाषण करने को ग्रोअर मैनेजमेंट कहते है।
- केपन-मुर्गियों के बंधियाकृत नर पक्षी को केपन कहते है।
- स्टमिंग अप-गाय और भैंस को ब्याने से 6 सप्ताह पूर्व दिया जाने वाला आहार स्टमिंग अप कहलाता है।
- बुलक-गाय व भैंस के बधियाकृत नर पशु को बुलक कहते है।उपयोग-अधिक माँस उत्पादन, कृषि कार्य हेतु ।
- निष्कृष्ठन-वरण के विपरित अर्थात् बाहर निकालना।
- ड़म्ड़ पेल-दुध दोहने के लिए उपयोग में ली जाने वाली छोटे मुँह की बाल्टी को ड़म्ड़ कहते है।
- कथेटर-पशुओं में पेशाब को बाहर निकालने का एक यंत्र है।
- टीजर बुल – गाय और भैंस के नसबंदीकृत नर सांड़ को टीजर बुल कहते है।उपयोग-मादा पशु में मद काल का पता लगाने के लिए।
- ग्रुमिंग (खुरहरा) – पशुओं की त्वचा एवं बालों को साफ करना ग्रुमिंग कहलाता है।उद्देश्य-रक्त संचार बढ़ाने हेतु ।
परजीवी संक्रमण से बचने हेतु ।
स्वच्छ दुध उत्पादन हेतु ।
- वेलोइंग (Welloing) – भैंस की जल में तैरने या कीचड़ में लेटने की क्रिया ।
- पोल्ड (Polled) – जन्मजात अथवा प्रजाति विशेष पशुओं का प्राकृतिक रूप से सींग रहित होना।

FAQ
Ques-1 पशु परिचर का क्या कार्य होता है?
पशु परिचर का कार्य पशु चिकित्सक की सामान्य मदद करना और दस्तवेजो की देखभाल करना तथा साथ ही पशु चिकित्सालय की स्वछता का ध्यान रखना
Ques-2 पशु परिचर भर्ती 2024 एग्जाम कब होगा?
पशु परिचर की परीक्षा 01 दिसंबर से 04 दिसम्बर 2024 के मध्य अलग-अलग पारियों में होगी
Ques-3 राजस्थान पशु परिचर की सैलरी कितनी होती है?
पशु परिचर को ₹18,000 से ₹25,000 प्रति माह तक का वेतन मिलता है। और 2 साल पुरे होने के बाद नियमानुसार D.A. और HRA राशि जुड़कर इनका वेतन लगभग 32000-35000 हो जायेगा
Ques-4 पशु परिचर भर्ती की योग्यता क्या है?
पशु परिचर के लिए अभ्यर्थी को 10वीं कक्षा में पास होना चाहिए।
Ques-5 पशु परिचर में नेगेटिव मार्किंग है क्या?
राजस्थान पशु परिचारक एग्जाम 2024 में पास होने के लिए उम्मीदवारों को 150 अंकों में से न्यूनतम 40% अंक अर्थात 60 अंक लाने अनिवार्य है। गलत उत्तर करने या प्रश्न खाली छोड़ने पर 1/4 अंकों का नकारात्मक अंकन है।
Veryyyy good
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