1.
Q. लिङ्ग परिमाण वचन मात्रे प्रथमा' इति कारकसूत्रस्य पूर्ति कुरुत -
2.
Q.'रामेण सह लक्ष्मणः वनं गतः' इत्यत्र तृतीयाविधायकं सूत्रमस्ति-
3.
Q. 'शिशुः' मोदकाय रोचति' उदाहरण है-
4.
Q. 'जटाभिः यतिः' इस वाक्य में प्रयुक्त तृतीया विभक्ति का विधायक सूत्र है-
5.
Q. श्रिया शब्द में प्रयुक्त विभक्ति है-
6.
Q. "सर्वस्मिन् आत्मा अस्ति' इस वाक्य में 'सर्वस्मिन्' कौन-सा कारक है?
7.
Q.रुच्यर्थानां धातूनां प्रयोगे कस्य सम्प्रदान संज्ञा स्यात् ?
8.
Q. 'हरये कुध्यति' में 'हरये' में कौन-सा कारक है?
9.
Q. 'उपान्वध्याङ्वसः' से कारक होता है-
10.
Q. 'क्रुध्' धातु के योग में विभक्ति होती है-
11.
Q. रामेण बाणेन हतो बाली' में 'करण' है-
12.
Q. प्रथमाविभक्तिः कस्मिन् अर्थ भवति ?
13.
Q. 'स्वस्ति' पद के योग में प्रयोग की जाने वाली विभक्ति है-
14.
Q. "नेत्राभ्याम् अश्रूणि पतन्ति" में नेत्राभ्याम् पद में विभक्ति है-
15.
Q. 'नमः स्वस्ति स्वाहास्वधालंवषयोगाच्च' इति सूत्रेण विभक्तिः स्यात् -
16.
Q. "ब्रह्मणः प्रजाः प्रजायन्ते' में ब्रह्मणः कौन-सा कारक है?
17.
Q. 'वयं.... सह निवसामः' यहाँ रिक्त स्थान हेतु उपयुक्त शब्द है-
18.
Q. यत्र एकस्याः क्रियायाः अनन्तरम् अपराक्रिया लक्ष्यते तत्र विभक्तिः स्यात्
19.
Q. 'सङ्गात् सञ्जायते कामः' में सूत्र प्रवृत्त हुआ है -
20.
Q. कुशल-निपुण-साधु-पटु-प्रवीण-दक्ष-चतुरादि शब्दानां प्रयोगे विभक्तिः प्रयुज्यते-
21.
Q. अपादानादि विशेषैः अविवक्षितं कारकं कर्मसंज्ञ स्यात्' इत्याशयस्य कृते पाणिनीयं सूत्रम् अस्ति -